IAHP INDIA PRIVATE LIMITED

Loading

NEEM, HALDI & CHANDAN CREAM (50gm)

NEEM, HALDI & CHANDAN CREAM (50gm)

210.00

Neem, turmeric and sandalwood creams are made from natural ingredients that are beneficial for the skin. Using the properties of neem in it, this cream is great for the skin. Combined with turmeric and sandalwood, its good effect is further enhanced. This cream makes the skin fair and beautiful as well as healthy and glowing. Regular use of it keeps the moisture in the skin and makes it glow. It can be used two to three times a day.

Benefits: It helps to control Hyper pigmentation, Blemishes & Scars of old injuries. Regular application helps in controlling skin allergies, Itching, Irritation. It Improves complexion & imparts fair look with healthy & natural glow.

Introduction to Neem

Neem, known for its impressive healing properties, has been utilized in traditional medicine for centuries. It is renowned for its antibacterial and anti-inflammatory benefits, making it an excellent choice for treating various skin ailments.

The Power of Haldi

Haldi, or turmeric, is another potent ingredient recognized for its antioxidant properties. This yellow spice not only enhances the flavor of dishes but also contributes to brightening the skin and reducing inflammation.

Combined Benefits

Together, neem and haldi form a powerful duo for skincare. Their combined effects help cleanse the skin, fight acne, and promote a healthy glow. Incorporating these natural ingredients into your routine can lead to significant improvements in overall skin health.

नीम: एक चमत्कारी औषधि

नीम, जिसे विज्ञान की भाषा में *Azadirachta indica* कहा जाता है, भारतीय औषधीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके पत्ते, छाल, और तेल का उपयोग विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है। नीम की पत्तियाँ ऐंटी-बैक्टीरियल, ऐंटी-फंगल और ऐंटी-इन्फ्लामेटरी गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। यह त्वचा की विभिन्न समस्याओं जैसे मुंहासे, एग्जिमा और अन्य चर्म रोगों के इलाज में सहायक होती हैं। इसके नियमित उपयोग से त्वचा पर निखार आता है, जिससे यह एक लोकप्रिय प्राकृतिक उपचार बन जाता है।

नीम की छाल भी महत्वपूर्ण है, जिसमें कई औषधीय गुण हैं। इसे औषधीय मिश्रणों में शामिल किया जाता है जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। शोधों से पता चला है कि नीम के अर्क का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए एक আদर्श औषधि बनता है। इसके अलावा, नीम की छाल का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है, जिससे शरीर अधिक रोगों से बचता है।

नीम का तेल, जिसे नीम के बीजों से निकाला जाता है, एंटीसेप्टिक और कीटाणुनाशक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह न केवल त्वचा की समस्याओं के इलाज में मदद करता है बल्कि शरीर के अन्य रोगों के लिए भी लाभकारी है। इसके नियमित सेवन से इम्यूनीटी में सुधार होने की संभावना बढ़ती है।

सारांश में, नीम की औषधीय गुणों का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। इसके पत्ते, छाल और तेल विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए जाने जाते हैं, जो इसे एक अद्वितीय औषधीय विकल्प बनाते हैं।

हल्दी: एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक

हल्दी, जिसे वैज्ञानिक रूप से कर्क्यूमिन के नाम से जाना जाता है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण मसाला और औषधि है, जो न केवल भारतीय खान-पान में बल्कि आयुर्वेद में भी एक विशेष स्थान रखता है। इसकी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण, हल्दी अनेक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन तत्व शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है, जिससे यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों के उपचार में सहायक होता है। इसके उपयोग से संधिवात, आर्थराइटिस और अन्य प्रकार के सूजन संबंधी रोगों में आराम मिलता है।

हल्दी का एक अन्य महत्वपूर्ण लाभ इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं। ये गुण शरीर में मुक्त कणों के प्रभाव को कम करते हैं, जिससे पुरानी बीमारियों का खतरा घटता है। एंटीऑक्सीडेंट के उच्च स्तर के कारण, हल्दी को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की रोकथाम में भी सहायक माना जाता है। इसके अलावा, हल्दी का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

त्वचा पर हल्दी का प्रयोग भी प्राचीन काल से किया जा रहा है। यह न केवल त्वचा की रंगत को निखारने में सहायक है, बल्कि उसकी अच्छे से सफाई भी करता है। हल्दी का पैक लगाने से त्वचा पर होने वाले चकत्ते और संक्रमण को कम करने में मदद मिलती है। इसके एंटीसेप्टिक गुण त्वचा की किसी भी प्रकार की संक्रमण को रोकने का कार्य करते हैं। इसे न केवल औषधीय उपयोग के लिए, बल्कि घर के उपचारों में भी शामिल किया जाता है। हल्दी की ये विशेषताएँ इसे एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बनाती हैं।

नीम और हल्दी का संयोजन: एक शक्तिशाली मिश्रण

नीम और हल्दी, ये दोनों जड़ी-बूटियाँ आयुर्वेद में अपनी विशेषताओं और स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाती हैं। जब इनका संयोजन किया जाता है, तो यह एक शक्तिशाली मिश्रण बनाता है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कर सकता है। नीम, अपने एंटी-सेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण, त्वचा के रोगों और संक्रमणों के इलाज में सहायता करता है। वहीं, हल्दी में उपस्थित कर्क्यूमिन, एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।

इन दोनों जड़ी-बूटियों का संयोजन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में विशेष रूप से प्रभावी होता है। नीम की पत्तियाँ और हल्दी का पौधा, दोनों ही वायरस, बैक्टीरिया और अन्य संक्रमणों के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करते हैं। इस सामूहिक शक्ति के परिणामस्वरूप, व्यक्ति विभिन्न प्रकार की बीमारियों से अधिक सुरक्षित महसूस कर सकता है। विशेष रूप से, यह संयोजन मौसमी बीमारियों जैसे कि बुखार, जुकाम, और सर्दी से बचने में भी कारगर सिद्ध होता है।

त्वचा समस्याओं के लिए भी नीम और हल्दी का संयोजन बहुत लाभकारी है। नीम के एंटी-बैक्टीरियल गुण और हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव, मुँहासे और अन्य त्वचा विकारों के उपचार में सहायक होते हैं। इसके अलावा, हल्दी की प्राकृतिक चमक और त्वचा को निखारने वाले गुणों से मिलकर, यह मिश्रण त्वचा की सौंदर्य को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस तरह, नीम और हल्दी का संयोजन न केवल स्वास्थ्य, बल्कि सौंदर्य दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी साबित होता है।

नीम और हल्दी का घरेलू उपयोग

नीम और हल्दी, दोनों ही आयुर्वेदिक पद्धति में अत्यधिक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियाँ हैं। इनका घरेलू उपयोग न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि ये प्राकृतिक उपचार के रूप में भी प्रमुखता से इस्तेमाल की जाती हैं। नीम को इसके जीवाणुरोधी गुणों के लिए जाना जाता है, जबकि हल्दी में प्रमुख सक्रिय तत्व कर्क्यूमिन होते हैं, जो सूजन और संक्रमण को कम करने में सहायता करते हैं।

फेस पैक के रूप में, नीम और हल्दी का उपयोग युवाओं में अत्यधिक लोकप्रिय है। दोनों जड़ी-बूटियाँ मिलकर त्वचा को चमकदार बनाने, मुंहासों को ठीक करने और जलन को कम करने में मददगार होती हैं। एक साधारण फेस पैक बनाने के लिए, आपको नीम की पत्तियों का पेस्ट, हल्दी पाउडर और थोड़ा सा दूध मिलाना होगा। इस पैक को चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाएं और फिर धो लें। नियमित उपयोग से त्वचा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।

इसके अलावा, नीम चाय स्वास्थ्य के लिए एक उत्कृष्ट पेय हो सकता है। नीम की पत्तियों को उबालकर चाय बनाने से इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण प्राप्त होते हैं, जो शरीर को detoxify करने में मदद करते हैं। हल्दी चाय भी एक लोकप्रिय विकल्प है, जिसे विशेषतौर पर सर्दियों के दौरान सेवन किया जाता है। इसमें हल्दी, अदरक और शहद मिलाकर बनायी जाती है, जो इम्यूनिटी को बढ़ाने और सर्दी-खांसी से राहत प्रदान करने में सहायक है।

यही नहीं, घरेलू नुस्खों में इन दोनों जड़ी-बूटियों का उपयोग विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए किया जा सकता है। चाहे वह सूखे खांसी के लिए हल्दी का उपयोग हो या नीम पेस्ट का इस्तेमाल फंगल संक्रमण पर, दोनों जड़ी-बूटियाँ प्राकृतिक रूप से प्रभावी हैं। नियमित रूप से इन्हें अपने दैनिक जीवन में शामिल करने से स्वास्थ्य में सुधार संभव है।

उपयोग में सावधानियाँ और संकेत

नीम और हल्दी भारतीय औषधियों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, लेकिन इनके उपयोग में कुछ सावधानियाँ भी आवश्यक हैं। नीम का उपयोग आमतौर पर त्वचा के रोगों, रक्त शुद्धिकरण और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए किया जाता है। हालांकि, इसकी उच्च मात्रा का सेवन कुछ हानिकारक प्रभाव पैदा कर सकता है। विशेष रूप से, मधुमेह और गर्भवती महिलाओं के लिए इसके सेवन से बचना चाहिए; क्योंकि यह रक्त शर्करा को कम कर सकता है और गर्भपात का खतरा बढ़ा सकता है।

हल्दी, जिसे “भारतीय सोने” के नाम से भी जाना जाता है, प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए प्रसिद्ध है। फिर भी, हल्दी का अत्यधिक सेवन व्यक्तियों में पाचन संबंधी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा, जिन लोगों को पित्त की समस्या होती है, उन्हें हल्दी का अत्यधिक उपयोग करने से बचना चाहिए। साथ ही, जो लोग रक्त पतला करने वाली दवाएँ ले रहे हैं, उन्हें भी हल्दी का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि यह रक्त के थक्के जमने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।

नीम और हल्दी का सेवन करते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति, उम्र और मौजूदा चिकित्सा इतिहास को ध्यान में रखा जाए। कई बार, इन औषधियों के संयोजन से रोगियों पर अनपेक्षित प्रभाव पड़ सकते हैं। इसलिए, यदि किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की एलर्जी, पूर्ववर्ती स्वास्थ्य समस्याएँ या दवाओं के प्रति संवेदनशीलता है, तो इनकी खपत से पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लेना चाहिए।

इन जड़ी-बूटियों के लाभकारी गुणों का संयमित और सूचित उपयोग इनसे जुड़े लाभों को अधिकतम करने में सहायक हो सकता है।

नीम के स्वास्थ्य लाभ

नीम, जिसे वैज्ञानिक रूप से Azadirachta indica के नाम से जाना जाता है, हजारों वर्षों से औषधीय उपयोगों के लिए प्रसिद्ध है। इसके एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण, नीम का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है। नीम की पत्तियों और तेल का सेवन विभिन्न बीमारियों को रोकने और प्रभावित अंगों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है।

एक महत्वपूर्ण क्षेत्र जहां नीम का व्यापक उपयोग होता है, वह है त्वचा से संबंधित समस्याएं। नीम की पत्तियां और तेल मुँहासे, एक्जिमा और अन्य त्वचा संक्रमणों के उपचार में सहायक होते हैं। नीम की एंटीबैक्टीरियल विशेषताएँ त्वचा पर बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकने में सहायक होती हैं, जिससे त्वचा का स्वास्थ्य बेहतर होता है। इसके अलावा, नीम का लगातार इस्तेमाल स्किन की जलन और सूजन को कम कर सकता है।

डायबिटीज के प्रबंधन में भी नीम के कई लाभ हैं। अनुसंधानों से यह स्पष्ट होता है कि नीम के सेवन से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इसकी पत्तियों में ऐसे यौगिक होते हैं जो इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं और ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं। इसके फलस्वरूप, यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो टाइप 2 डायबिटीज के शिकार हैं।

इसके अतिरिक्त, नीम का उपयोग इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में भी किया जाता है। नीम के पत्ते आंतरिक अंगों की सफाई और विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ती है। आयुर्वेद में नीम का उपयोग विभिन्न सामग्रियों के मिश्रण के साथ औषधीय उपचारों में किया जाता है। नीम का पेस्ट त्वचा पर लगाना, या नीम-infused चाय पीना, इसके स्वास्थ्य लाभों का अनुभव करने के कुछ तरीके हैं।

हल्दी के अद्भुत फायदें

हल्दी, जिसे ‘भारतीय सोना’ कहा जाता है, अपने एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण विषेश रूप से प्रसिद्ध है। यह एक कीमती जड़ी-बूटी है जो न केवल भारतीय रसोई में, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण भी अत्यधिक महत्व रखती है। वैज्ञानिक शोध में यह प्रमाणित हुआ है कि हल्दी कैंसर की रोकथाम में मदद कर सकती है। इसमें मौजूद कर्क्यूमिन नामक तत्व में कैंसरकारी कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने की क्षमता होती है, जिससे रोग उत्पन्न करने वाले तत्वों का प्रभाव कम होता है।

इसके अलावा, हल्दी सूजन को कम करने में भी लाभदायक है। यह सूजन-रहित प्रक्रिया को प्रोत्साहित करती है, जिससे गठिया और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों के लक्षणों में कमी आती है। हल्दी को नियमित रूप से सेवन करने से संधियों की लचीलापन बढ़ती है और दर्द में भी राहत मिलती है। यही नहीं, हल्दी का उपयोग पाचन स्वास्थ्य को सुधारने के लिए भी किया जाता है। इसके एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाते हैं, जिससे पेट की समस्याएं जैसे अपच और गैस्ट्राइटिस में राहत मिलती है।

हल्दी का सेवन विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे दूध में हल्दी मिलाकर, कैप्सूल के रूप में, या प्योर पेस्ट के रूप में। दूध में हल्दी मिलाकर लेने से यह शरीर में ताजगी बनाए रखती है। इसके साथ ही, हल्दी का उपयोग अदरक, किसान या तुलसी जैसी अन्य सामग्रियों के साथ मिलाकर भी किया जा सकता है। इन सामग्रियों के संयोजन से स्वास्थ्य लाभ बढ़ जाते हैं, और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी संजीवनी शक्ति प्रदान करता है। इस प्रकार, हल्दी के अद्भुत फायदों को ध्यान में रखते हुए, इसे दैनिक आहार में शामिल करना एक बुद्धिमान निर्णय हो सकता है।

नीम: एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी

नीम, जिसे वैज्ञानिक रूप से ‘अजीमुदा’ के नाम से जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसे भारत में सदियों से औषधीय गुणों के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसे ‘कड़वे नीम’ के नाम से भी जाना जाता है, और यह प्राकृतिक स्वास्थ्य उपचार में अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। नीम की पत्तियाँ, छाल, और बीज सभी औषधीय उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसका सबसे प्रमुख लाभ त्वचा की समस्याओं में देखा जाता है; नीम के एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण इसे मुंहासे, एक्जिमा, और अन्य त्वचा रोगों के उपचार में प्रभावशाली बनाते हैं।

नीम की पत्तियों में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, नीम का प्रयोग रक्त शुद्धि के लिए भी किया जाता है, जिससे यह शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है। आयुर्वेद में नीम को ‘द्रव्य’ के रूप में माना जाता है, जो शरीर की तापमान को संतुलित करता है और इन्फ्लेमेशन को कम करता है।

यदि आपको नीम का प्रयोग करना है, तो इसकी पत्तियों का सूप, पेस्ट, या निंबोली के रस का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। नीम की पत्तियाँ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती हैं और त्वचा की समस्याओं के लिए घरेलू उपचारों में भी शामिल होती हैं। इसके लिए, नीम की पत्तियों की चाय या नीम का तेल भी प्रभावी होता है। ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नीम का उपयोग संतुलित मात्रा में किया जाए, क्योंकि अत्यधिक सेवन से हानिकारक प्रभाव भी हो सकते हैं।

हल्दी: सुनहरी जड़ी-बूटी

हल्दी, एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी, न केवल भारतीय रसोई का एक अभिन्न भाग है, बल्कि यह अपने औषधीय गुणों के लिए भी जानी जाती है। हल्दी में पाई जाने वाली कर्क्यूमिन नामक सक्रिय संघटक इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट विशेषताएँ प्रदान करती है। ये गुण स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी हैं। शोधों के अनुसार, कर्क्यूमिन सूजन को कम करने में कारगर सिद्ध होता है। यह विभिन्न प्रकार की सूजन संबंधी बीमारियों में राहत प्रदान कर सकता है, जैसे कि गठिया और अन्य सूजन संबंधी स्थितियाँ।

हल्दी का उपयोग इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। नियमित रूप से हल्दी का सेवन करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर होती है, जो हमें संक्रामक रोगों से बचाने में सक्षम बनाती है। हल्दी में मौजूद एन्टिऑक्सीडेंट तत्व शरीर में मुक्त कणों से लड़ते हैं, जिससे विभिन्न प्रकार के रोगों का जोखिम कम होता है। इस प्रकार, हल्दी एक प्राकृतिक सुरक्षा कवच प्रदान करती है।

त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी हल्दी के अद्भुत लाभ हैं। यह न केवल त्वचा को चमकदार बनाती है, बल्कि फुंसी, एक्जिमा और अन्य त्वचा से जुड़ी समस्याओं का उपचार करने में भी सहायता करती है। आप हल्दी को दूध, चाय, या फेस पैक में मिलाकर उपयोग कर सकते हैं, जिससे आपकी त्वचा को पोषण और सुरक्षा मिलती है। हल्दी के गुणों का यह विस्तार निश्चित रूप से इसे एक बहुपरकारी जड़ी-बूटी बनाता है, जिसे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना जाता है।

Category:

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “NEEM, HALDI & CHANDAN CREAM (50gm)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *